Monday, August 3, 2015

Happy friendship day

भारत-पाकिस्तान की सरहद पर गोलियों-बमों की
आवाज से सरहदी बाशिंदों की रातें आंखों में गुजर
रही हैं। लेकिन यह जानकर आपको आश्चर्य होगा
कि देश की एक सबसे बड़ी कंपनी महिंद्रा एंड
महिंद्रा (एमएंडएम) की नींव ऐसे दो अजीज दोस्तों
ने मिलकर रखी थी, जिनमें से एक पाकिस्तानी और
एक हिंदुस्तानी था। आज फ्रेंडशिप-डे के मौके पर
मनी भास्कर इन्हीं दोस्तों द्वारा शुरू की गई कंपनी
महिंद्रा एंड महिंद्रा के सफर की दिलचस्प कहानी
बता रहा है।
पाकिस्तानी गुलाम मोहम्मद ने रखी थी नींव
अविभाजित भारत के लुधियाना में 1945 में दो
भाइयों केसी महिंद्रा, जेसी महिंद्रा और मलिक
गुलाम मोहम्मद ने महिंद्रा एंड मोहम्मद के रूप में
कंपनी की नींव रखी थी। भारत की आजादी और
पाकिस्तान बनने के बाद गुलाम मोहम्मद
पाकिस्तान चले गए और वहां के पहले वित्त मंत्री बन
गए। 1948 में कंपनी का नाम बदलकर महिंद्रा एंड
महिंद्रा कर दिया गया। मोहम्मद के पाकिस्तान में
बसने के बाद कंपनी की तरक्की की रफ्तार धीरे-धीरे
बढ़ रही थी। 1991 में आनंद महिंद्रा इस ग्रुप के
डिप्टी डायरेक्टर बने। तब से लेकर आज तक महिंद्रा
ग्रुप नई ऊंचाइयों को छूने में लगा हुआ है।
1.80 लाख से ज्यादा लोग करते हैं काम
दिलचस्प है कि महिंद्रा ग्रुप में इस समय 1.80 लाख से
भी ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। कंपनी की मार्केट
कैप करीब 84,567  करोड़ रुपए है। 1991 में आनंद
महिंद्रा द्वारा इस ग्रुप की कमान संभालने से लेकर
अब तक कंपनी ने दुनिया भर में अपना कारोबार
फैला लिया है। कंपनी की सफलताओं के इस 24 साल
के सफर में महिंद्रा ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा: बीते एक हफ्ते में शेयर 2.06
फीसदी, एक महीने में शेयर 4.9 फीसदी चढ़ा है। तीन
महीने में शेयर ने 18.7 फीसदी का रिटर्न दिया है।
वहीं, एक साल के दौरान 16 फीसदी चढ़ चुका है।

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