मुंबई : बॉलीवुड स्टार और आईपीएल कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक शाहरुख खान पर वानखेड़े स्टेडियम में एंट्री को लेकर पांच साल के लिए लगा बैन हट गया है.
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) की रविवार को हुई मीटिंग में शाहरुख खान के पक्ष में यह फैसला लिया गया. उस वक्त एमसीए अध्यक्ष रहे विलासराव देशमुख ने शाहरुख पर ये प्रतिबंध लगाया था.
बॉलीवुड अभिनेता और केकेआर के मालिक के लिए ये दोहरी खुशी का मौका है. क्योंकि एक तरफ जहां उनके ऊपर से बैन हटा है, वहीं उनकी टीम त्रिनिनाद एंड टोबैगो रेड स्टील ने कैरिबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) का खिताब अपने नाम किया है.
16 मई 2012 को वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल का मैच खेला गया था. आईपीएल के उस मैच के दौरान शाहरुख ने एक सुरक्षाकर्मी और एमसीए के अधिकारियों के साथ कथित तौर पर गाली-गलौज की थी. इसके बाद एमसीए शाहरुखान के खिलाफ स्टेडियम में प्रवेश पर रोक लगा दी.
शाहरुख पर पाबंदी हटाने का फैसला आज किया गया है, लेकिन इसके संकेत एक साल पहले मिल गए थे. पिछले साल एमसीए बैन को अस्थाई तौर पर हटाना चाहता था, लेकिन बाद में ये मामला टल गया था.
क्या था पूरा मामला?
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने मुंबई इंडियंस को धूल चटा दी, लेकिन इस जीत के बाद जो कुछ हुआ उससे शाहरूख खान आरोपों के घेरे में आ गए.
एमसीए के अधिकारियों का आरोप था कि जीत के बाद शाहरुख नशे की हालत में अपने सहयोगियों मोरानी ब्रदर्स और बॉडीगार्ड्स के साथ टीम को बधाई देने के लिए मैदान पर जाने लगे. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया.
सुरक्षाकर्मियों के मना करते ही शाहरुख को गुस्सा आ गया और फिर उन्होंने हाथापाई तक शुरू कर दी. शाहरुख पर सुरक्षाकर्मयों के साथ गाली-गलौज करने का भी आरोप लगा.
सुरक्षाकर्मियों के मना करते ही शाहरुख को गुस्सा आ गया और फिर उन्होंने हाथापाई तक शुरू कर दी. शाहरुख पर सुरक्षाकर्मयों के साथ गाली-गलौज करने का भी आरोप लगा.
विवाद को बढ़ता देख मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन शाहरुख उनसे भी उलझ पड़े. यही नहीं उन्होंने एमसीए के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख के खिलाफ अपशब्द भी कहे.
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