Tuesday, August 4, 2015

ये है दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, हर साल बढ़ जाती है इसकी हाइट

एक ओर जहां महाकाल और अन्य शिवलिंगों के
आकार के छोटे होते जाने की खबर आती
है। वहीं, एक शिवलिंग ऐसा भी है
जिसका आकार घटता नहीं बल्कि हर साल और बढ़
जाता है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित
भूतेश्वरनाथ शिवलिंग संभवतः प्राकृतिक रूप से निर्मित दुनिया का
सबसे बड़ा शिवलिंग है। यह जमीन से लगभग 18
फीट ऊंचा और 20 फीट गोलाकार है।
राजस्व विभाग द्वारा हर साल इसकी उचांई
नापी जाती है, जिसमें हर साल यह 6 से
8 इंच तक बढ़ा हुआ पाया जाता है।
गरियाबंद जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर
दूर घने जंगलों के बीच बसे मरौदा गांव में यह शिवलिंग
स्थित है। 12 ज्योतिर्लिंगों की तरह इसे
भी अर्धनारीश्वर शिवलिंग होने
की मान्यता प्राप्त है। इस शिवलिंग का दर्शन करने
और जलाभिषेक करने हर साल सैकड़ों की संख्या में
कांवरिए पैदल यात्रा कर यहां पहुंचते हैं। यहां आने वाले भक्तों
की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है।
शेर के दहाड़ने की आती है आवाज
इस शिवलिंग के बारे में बताया जाता है कि कई साल पहले
जमींदारी प्रथा के समय पारागांव
निवासी शोभा सिंह जमींदार की
यहां पर खेती-बाड़ी थी। शोभा
सिंह शाम को जब अपने खेत मे घूमने जाते थे तो उन्हें एक
टीले से सांड़ के हुंकारने (चिल्लाने) एवं शेर के
दहाड़ने की आवाज सुनाई पड़ती
थी। शुरू में उन्हें लगा कि ये उनका वहम है, लेकिन
कई बार इस आवाज को सुनने के बाद शोभा सिंह ने ग्रामवासियों को
इस बारे में बताया। ग्रामवासियों ने भी टीले के
पास कई बार आवाज सुनी थी। इसके बाद
सभी ने आसपास सांड़ अथवा शेर की
तलाश की, लेकिन दूर-दूर तक कोई जानवर
नहीं मिला। तब लोगों ने माना कि इसी
टीले से आवाज आती है और
टीले को भर्कुरा/भकुरा (हुंकारने की
आवाज) कहने लगे।
प्रकृति प्रदत्त जलहरी भी
पारागांव के लोग बताते हैं कि पहले यह टीला छोटे रूप
में था पर धीरे-धीरे इसकी
उंचाई व गोलाई बढ़ती गई। इसका बढ़ना आज
भी जारी है। लोग इस टीले को
शिवलिंग के रूप में पूजने लगे। इस शिवलिंग में प्रकृति प्रदत्त
जलहरी भी दिखाई देती है,
जो धीरे-धीरे जमीन के ऊपर
आती जा रही है।
छत्तीसगढ़ी भाषा में हुंकारने
की आवाज को भकुर्रा कहते हैं, इसी से
भूतेश्वरनाथ को भकुर्रा महादेव भी कहते हैं।

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