भारत के बर्गर मार्केट में, मैकडॉनल्ड बड़ा नाम है। लेकिन एक के बाद एक इंटरनेशनल फास्ट फूड कंपनियां भारत में इन्वेस्ट करके मार्केट हथियाने में लगी हैं। ताजा एंट्री अमेरिकी कंपनी कार्ल्स जूनियर की है। नौ जुलाई को कार्ल्स जूनियर ने देश में अपना पहला रेस्टोरेंट दिल्ली के सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल में खोला है। मैकडॉनल्ड से टक्कर लेने के लिए कंपनी ने क्रिकेटर युवराज सिंह से भी हाथ मिलाया है। युवराज सिंह की कंपनी यूवीकैन ने इस ब्रांड में पैसे लगाए हैं।
1941 में हुई थी कार्ल्स जूनियर की शुरुआत
अमेरिकन फास्ट-फूड चेन, कार्ल्स जूनियर सबसे पहले 1941 में खुला था। यह अपने जूसी बर्गर और मिल्कशेक के लिए दुनिया में फेमस है। इसका सिस्टर ब्रांड ‘हार्डिस’ मध्य पूर्व में काफी पसंद किया जाता है।
भारत के लिए किया मेन्यू में बदलाव, मिलेंगे ये बर्गर
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कार्ल्स जूनियर अपने चारग्रिल्ड चिकन बर्गर के लिए फेमस है। मगर भारत में इसने अपने मेन्यु में काफी बदलाव किए हैं। कार्ल्स जूनियर पहली बार वेज बर्गर बेच रहा है और इनके नाम भारतीय तर्ज पर ही रखे गए हैं। ताकि लोगों को आसानी से जोड़ा जा सके। भारत में यह बर्गर तंदूरी पनीर बर्गर, आलू अचारी और पनीर टिक्का नाम से मिलेंगे। इसके साथ ही कार्ल्स जूनियर अपने फेमस स्टार और सुपर स्टार बर्गर भी भारत में बेचेगा।
भारत में सिबिज ब्राइटस्टार ने कराई कार्ल्स जूनियर की एंट्री
भारत में कार्ल्स जूनियर की एंट्री गुड़गांव के सिबिज ब्राइटस्टार रेस्टोरेंट ने कराई है। सिबिज ब्राइटस्टार इस चेन के विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करेगा। कंपनी की योजना अगले 10 सालों में देश भर में 100 कार्ल्स जूनियर रेस्टोरेंट खोलने की है। भारत में बर्गर के कई ब्रांड पहले से ही मौजूद हैं ऐसे में कार्ल्स जूनियर के सामने प्रीमियम बर्गर मार्केट में अपनी अलग जगह बनाने की बड़ी चुनौती होगी।
पिछले पांच सालों में इन ब्रांड्स की हुई एंट्री
पिछले पांच सालों में, कई बड़े इंटरनेशनल ब्रांड्स ने भारत में एंट्री की है। इनमें से स्टारबक्स, क्रिस्पी क्रीम, बिग-बर्गर, वेंडिज, फैटबर्गर, बार्सेलोस, जॉनी रॉकेट्स, बर्गर किंग आदि शामिल हैं।
फिलहाल मैकडॉनल्डस है भारत का स्टार
सन् 1965 में अमेरिका के बाहर कनाडा में पहला मैकडॉनल्ड्स खुला था। इसी साल मैकडॉनल्ड्स को पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनाया गया था। मैकडॉनल्ड्स ऐसी फास्ट फूड चेन है, जिसका तेजी से ग्लोबलाइजेशन हुआ। सन 1994 तक दुनिया के 79 देशों में 15 हजार मैकडॉनल्ड्स रेस्त्रां स्थापित हो गए थे। सन 1996 में भारत दुनिया का 95वां देश था जहां मैकडॉनल्ड्स पहुंचा।
अब दुनिया के 119 देशों में है मैक-डी
आज दुनिया के 119 देशों में 31 हजार से ज्यादा काउंटर सर्विस, वॉक व ड्राइव-थ्रू सर्विस के इनडोर व आउटडोर सीटिंग वाले 31 हजार से ज्यादा मैकडॉनल्ड्स रेस्त्रां हैं जिनकी सालाना बिक्री 23 बिलियन डॉलर से ज्यादा है।
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